Pakistani Terrorist Ali Baba Patra Information in Hindi | पाकिस्तानी आतंकवादी अली बाबर पात्रा के बारे में पूरी जानकारी
इस लेख में हम आपको इसी आतंकवादी के बारे में बताने जारी है।
अली बाबर पात्रा कौन है (Who is Ali Babar Patra)
अली बाबर पात्रा पाकिस्तान के ओकरा जिले का रहने वाला है, जोकि दक्षिण लाहौर के पास स्थित है. जिसे आज भारतीय सुरक्षा बलों की सर्च टीम ने कश्मीर के उरी सेक्टर से जिन्दा पकड़ कर गिरफ्तार किया गया है. और उसने खुद को सरेंडर भी कर दिया है. और उसके अनुसार पाकिस्तनी आंतकवादियों का कश्मीर के उरी सेक्टर में हमला करने का प्लान था.
Pakistani Terrorist Ali Baba Patra Information in Hindi
पकड़े गए आतंकी अली बाबा ने कहा- काश! हमारी फौज भी हिंदुस्तानी फौज जैसी होती
मां, तू फिक्र न कर, मैं जल्द ही लौट आऊंगा। बस दुआ करना कि खुदा ने जो मौका मुझे दिया है, मैं उसका सही फायदा उठाऊं...। पकड़ा गया 19 वर्षीय आतंकी अली बाबा ने मंगलवार को ये बातें अपनी मां के नाम पैगाम में कही। पाकिस्तान के ओकाड़ा का रहने वाला अली बाबा ने कहा कि मैंने तो सुना था कि यहां कश्मीर में हिंदुस्तानी फौज कश्मीरी नौजवानों को देखते ही गोली मार देती है, उन पर जुल्म करती है। इन्हाेंने तो मुझे बख्श दिया, फिर यह कैसे यहां नौजवानों पर गोली चला सकते हैं, कैसे किसी औरत की अस्मत पर हाथ डाल सकते हैं। मैंने जो सुना था, वह गलत सुना था।
19 वर्षीय अली बाबा अपने सात अन्य साथियों संग कश्मीर में खून की होली खेलने के लिए बीते सप्ताह हथियारों का एक बड़ा जखीरा लेकर गुलाम कश्मीर से एलओसी पार कर उड़ी सेक्टर में दाखिल हुआ था। सेना के जवानों ने उसे व उसके साथियों को घेर लिया था। वह रविवार की शाम को पकड़ा गया था। उसका एक साथी उसके सामने ही मारा गया, जबकि अन्य साथी जिंदा बचे हैं या मारे गए, उसे नहीं पता। लेकिन, वह कहता है कि जिस तरह की लड़ाई हुई है, शायद ही उसका कोई साथी जिंदा बचा होगा।
19 वर्षीय अली बाबा अपने सात अन्य साथियों संग कश्मीर में खून की होली खेलने के लिए बीते सप्ताह हथियारों का एक बड़ा जखीरा लेकर गुलाम कश्मीर से एलओसी पार कर उड़ी सेक्टर में दाखिल हुआ था। सेना के जवानों ने उसे व उसके साथियों को घेर लिया था। वह रविवार की शाम को पकड़ा गया था। उसका एक साथी उसके सामने ही मारा गया, जबकि अन्य साथी जिंदा बचे हैं या मारे गए, उसे नहीं पता। लेकिन, वह कहता है कि जिस तरह की लड़ाई हुई है, शायद ही उसका कोई साथी जिंदा बचा होगा।
पकड़े गए आतंकी अली बाबा ने कहा
पाकिस्तान के पंजाब सूबे में वासेवावला, ओकाड़ा का रहने वाले अली बाबा ने कहा कि हम दो तीन दिन से जंगल में चल रहे थे। हिंदुस्तान फौज से बचकर आगे जाना चाहते थे, लेकिन हम घेराबंदी मेें फंस गए थे। मैंने भी गोली चलाई, लेकिन जब मुझे लगा कि अब मैं शायद ही जिंदा बच सकूंगा, मेरे घर पर मेरी बूढ़ी मां मेरी राह देख रही होगी। उसे मैं यही कहकर आया था कि कश्मीर से लौटते ही उसकी सारी तकलीफें दूर हो जाएंगी। मुझे बहुत पैसा मिलेगा। मैंने सरेेंडर की चेतावनी सुनी। पहले लगा कि धोखा है, फिर सोचा कि मरना तो है ही, एक बार हाथ खड़ा कर देेता हूं। मैं हाथ उठाकर पेड़ के पीछे से निकल आया। फौजियों ने मुझे घेर लिया आैर उसके बाद वह मुझे अपने कैंप में ले गए। पूछताछ हुई, मैंने उन्हें अपनी सारी दास्तां सुना दी।
सातवीं पास अली बाबा ने कहा कि घर में गरीबी बहुत है। बाप की मौत हो चुकी थी। एक बहन और मां है। करीब दो साल पहले मैं लश्कर-ए-ताइबा के एक कैंप कमांडर के साथ संपर्क में आया था। मैं मदरसे और मजलिसों में जाता था। वहां कश्मीर को लेकर तकरीरें होती थीं। कश्मीर में जुल्म की कहानियां सुनाई जाती थी। इस्लाम और जिहाद की बात होती थी। काम धंधा कोई नहीं था। फिर पता चला कि जिहादी बनने पर पैसा भी मिलेगा।
सातवीं पास अली बाबा ने कहा कि घर में गरीबी बहुत है। बाप की मौत हो चुकी थी। एक बहन और मां है। करीब दो साल पहले मैं लश्कर-ए-ताइबा के एक कैंप कमांडर के साथ संपर्क में आया था। मैं मदरसे और मजलिसों में जाता था। वहां कश्मीर को लेकर तकरीरें होती थीं। कश्मीर में जुल्म की कहानियां सुनाई जाती थी। इस्लाम और जिहाद की बात होती थी। काम धंधा कोई नहीं था। फिर पता चला कि जिहादी बनने पर पैसा भी मिलेगा।
मैं लश्कर-ए-ताइबा में शामिल हो गया। दो साल पहले मैने गढ़ी हबीबुल्ला कैंप में दौरा-ए-आम की ट्रेनिंग की और 22 दिन बाद मैं अपने घर चला गया। इसी साल 13 अप्रैल को मुझे कैंप में बुलाया गया। सात दिन बाद मुझे हालन में सवाई नाला के पास बने कैंप में भेजा गया। चार माह तक फिर ट्रेनिंग चली। इस दौरान हमने जीपीएस, रेडियो सेट का इस्तेमाल करना, हथियार चलाना, मैट्रिक्स कोड तैयार करना और उसका इस्तेमाल करना सीखा। फिर हमें कश्मीर चलने का हुक्म मिला।
अली बाबा ने कहा कि मैं 16 सितंबर को अपने कैंप से निकला था। हम कुल छह लोग थे। इनमें अतीक-उर-रहमान उर्फ कारी अनास भी था। वह पिंडी अटोक का रहने वाला है। उसने 20 हजार रुपये मां के इलाज के लिए दिए। उसने कहा कहा था कि कश्मीर में पट्टन, बारामुला में हथियार व अन्य साजो सामान छाेड़ कर आने पर 30 हजार रुपये और मिलेंगे। जब हम बार्डर पार कर रहे थे तो मुझे कहा गया कि पट्टन में कुछ दिन रुकना पड़ेगा और वहां जिहाद के लिए स्थानीय लड़कों को भर्ती करने के अलावा उन्हें कुछ ट्रेनिंग भी देनी है।
अली बाबा ने कहा कि मैं 16 सितंबर को अपने कैंप से निकला था। हम कुल छह लोग थे। इनमें अतीक-उर-रहमान उर्फ कारी अनास भी था। वह पिंडी अटोक का रहने वाला है। उसने 20 हजार रुपये मां के इलाज के लिए दिए। उसने कहा कहा था कि कश्मीर में पट्टन, बारामुला में हथियार व अन्य साजो सामान छाेड़ कर आने पर 30 हजार रुपये और मिलेंगे। जब हम बार्डर पार कर रहे थे तो मुझे कहा गया कि पट्टन में कुछ दिन रुकना पड़ेगा और वहां जिहाद के लिए स्थानीय लड़कों को भर्ती करने के अलावा उन्हें कुछ ट्रेनिंग भी देनी है।
उरी सेक्टर में क्या हुआ
डरा था, पर भारतीय फौज ने कोई टार्चर नहीं किया : दो दिन भारतीय फौज की हिरासत में रहने के दौरान अपने अनुभव का जिक्र करते हुए अली बाबा ने कहा कि मैं बहुत डरा हुआ था। हिंदुस्तानी फौजियों ने मुझे पकड़ने के बाद कोई टार्चर नहीं किया। उन्होंने मुझे सिर्फ यही कहा कि अच्छा किया जो हथियार डाल दिए, नहीं तो मारे जाते। अपने घर के बारे में बताओ। मैंने उन्हें अपने घर के बारे में बताया। मैंने उन्हें अपनी मां का टेलीफोन नंबर भी बताया। मैंने कैंप में कश्मीरियों को भी फौजियों के पास आते देखा। हमारे वहां तो कैंप में कोई सिविल आसानी से नहीं जा सकता। फौज का बड़ा दबदबा है। काश हमारे उधर भी ऐसी फौज होती।
16 सितंबर को पहुंचे थे लांचिंग पैड पर : अली बाबा ने बताया कि वह 16 सितंबर को लांचिंग पैड पर पहुंए गए थे। 18 सितंबर को एलओसी पार कर उड़ी में दाखिल हुए थे और भारतीय फौज से सामना हो गया। हम छह लोग थे। मैं और अतीक उर रहमान आगे थे। हमें वापस भागने का मौका नहीं मिला। चार अन्य वापस भाग गए या मारे गए मुझे नहींं पता। हम लगातार जंगल और नालों में छिपते फिर रहे थे। रविवार की सुबह अतीक मारा गया और मैंने सरेंडर कर दिया।
16 सितंबर को पहुंचे थे लांचिंग पैड पर : अली बाबा ने बताया कि वह 16 सितंबर को लांचिंग पैड पर पहुंए गए थे। 18 सितंबर को एलओसी पार कर उड़ी में दाखिल हुए थे और भारतीय फौज से सामना हो गया। हम छह लोग थे। मैं और अतीक उर रहमान आगे थे। हमें वापस भागने का मौका नहीं मिला। चार अन्य वापस भाग गए या मारे गए मुझे नहींं पता। हम लगातार जंगल और नालों में छिपते फिर रहे थे। रविवार की सुबह अतीक मारा गया और मैंने सरेंडर कर दिया।
उरी सेक्टर में क्या हुआ
भारतीय सुरक्षा बलों को यह खबर मिली थी कि पाकिस्तानी आतंकवादी उरी सेक्टर में कुछ बड़ा हमला करने जा रहे हैं. आपको बता दें कि इससे पहले सन 2016 में इसी समय पाकिस्तानी आतंकवादियों ने उरी बेस कैंप में हमला किया था. यह हमला जैश – ए – मोहमद के आतंकी दलों द्वारा किया गया था. जिसमे हमारे 19 सिपाही शहीद हो गए थे. और 4 आतंकवादियों को भी उन दौरान मार गिराया गया था. और अब ठीक 5 साल बाद इसी समय पाकिस्तानी आतंकवादी उरी सेक्टर में फिर से बड़ा हमला करने की फिराक में थे. किन्तु भारतीय आर्मी ने उनके मनसूबो को पूरा नहीं होने दिया. भारतीय सेना को जैसे ही खबर मिली उन्होंने अपनी सर्च टीम को वहां भेजा. उन्होंने इस ऑपरेशन को सफ़लता पूर्वक अंजाम दिया. सर्च टीम ने उरी सेक्टर में 2 आतंकवादी को पकड़ा. जिसमे से एक को आर्मी सेना द्वारा मार गिराया गया है.
Who is Ali Babar Patra
और दूसरे को सरेंडर करने को कहा गया जिसने उनकी बात मानकर खुद को सरेंडर कर दिया.
अजमल कसाब के साथ कनेक्शन
आपको बता दें कि अली बाबर पात्रा जिस जिले का रहने वाला था, यानि कि ओकरा जिला. उस जिले के एक गांव फरीदकोट का रहने वाला आतंकी अजमल कसाब भी था, जिसे सन 2011 में हुए मुंबई हमले में पकड़ा गया था. उस दौरान भी एक और आतंकवादी नूर इलाही उसके साथ था जिसे मार गिराया था.
क्या पाकिस्तान के ओकरा से आतंकवादी जन्म लेते हैं
यह सवाल उठने का मुख्य कारण है पाकिस्तान के ओकरा क्षेत्र में रोजगार की कमी. वहां के लोगों के पास काम नहीं होता है, इसलिए पाकिस्तान के आतंकवादी दलों द्वारा वहां के नाबालिग लोगों को पकड़ पर उनका ब्रेन वॉश किया जाता है, और फिर उन्हें भारत में आतंक फ़ैलाने के लिए तैयार किया जाता है. और ये लोग पैसे कमाने के लिए उनकी बात मान जाते हैं. और फिर विभिन्न आतंकी हमलों को अंजाम देने का काम करते हैं.
इस तरह से भारतीय सेना द्वारा पाकिस्तान के अली बाबर पात्रा नाम के आतंकवाड़ी को पकड़ लिया गया है. और उसने पाकिस्तान के द्वारा की जा रही साजिश का भांडा भी फोड़ दिया है.
इस तरह से भारतीय सेना द्वारा पाकिस्तान के अली बाबर पात्रा नाम के आतंकवाड़ी को पकड़ लिया गया है. और उसने पाकिस्तान के द्वारा की जा रही साजिश का भांडा भी फोड़ दिया है.
FAQ
Q : अली बाबर पात्रा कौन है ?
Ans : पाकिस्तानी आतंकवादी
Q : अली बाबर पात्रा कहां का रहने वाला है ?
Ans : पाकिस्तान के ओकरा जिले का.
Q : अली बाबर पात्रा की उम्र कितनी है ?
Ans : 19 साल
Q : अली बाबर पात्रा को भारतीय सेना ने कहां पकड़ा ?
Ans : कश्मीर के उरी सेक्टर में.
Q : पाकिस्तान का प्लान क्या था ?
Ans : सन 2016 में जिस तरह से उरी बसे कैंप में हमला किया गया था उसे दोबारा दोहराने का प्लान था.
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